पूरा श्लोक है: शुभस्य शीघ्रम् अशुभस्य कालहरणम्।
यह श्लोक और उससे जुड़ी कथा रामायण काल की है, किन्तु यह वर्तमान में कहीं अधिक उपयोगी है.
बात तब की है, जब भगवान राम के बाण से रावण धाराशायी होकर गिर गया. तब श्रीराम ने अपने अनुज लक्ष्मण को उसके पास जाकर शिक्षा लेने को कहा.
भ्रातृभक्त लक्ष्मण आश्चर्य से अपने बड़े भाई की ओर देखने लगे.
मर्यादा पुरुषोत्तम अपने अनुज के भावों को समझकर बोले कि इस संसार में नीति, राजनीति, शक्ति को समझने वाला महान विद्वान विदा हो रहा है. आखिरी समय में उसका बताया ज्ञान अनमोल है, इसलिए हे लक्ष्मण! शंका को त्यागकर उसके पास जाओ!
कहा जाता है कि लक्ष्मण अनमने ढंग से जाकर रावण के सिर के पास खड़े हो गए, और रावण मौन रहा.
क्रुद्ध भाव से लौटकर लक्ष्मण वापस लौट गए और कहा कि 'भैया! अभी भी रावण का अहंकार समाप्त नहीं हुआ है, मेरे जाने के बावजूद वह कुछ नहीं बोल रहा है'.
सबके भावों को समझने वाले श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा कि 'हे लक्ष्मण! कुछ पाने के लिए विनय आवश्यक है, इसलिए उसके चरणों के पास जाकर ज्ञान की आकांक्षा रखो'.
लक्ष्मण पुनः रावण के पास गए, और अपने चरणों के पास लक्ष्मण को बैठा देखकर रावण के मुंह से पहला सूत्रवाक्य निकला -
शुभस्य शीघ्रम् अशुभस्य कालहरणम्।
अर्थात, शुभ कार्य को जितनी जल्दी हो, करना शुरू कर देना चाहिए, वहीं अशुभ कार्य को जितना टाल सको, उतना टाल देना चाहिए.'
उदाहरण देते हुए रावण ने कहा कि हे लक्ष्मण! ब्रह्मा के वरदान से संरक्षित, मेरे जैसा विद्वान शुरू से ही जानता था कि राम कौन हैं. किन्तु, उनकी शरण में आने की बात को मैं टालता रहा. वहीं सीता हरण जैसा कुकृत्य करने में मैंने अतिशीघ्रता दिखलायी.
अगर मैं राम की शरण में आने जैसे शुभ कार्य को शीघ्र कर लेता तो आज मैं इस गति को क्यों प्राप्त होता?
रावण की 2 शिक्षाएं और भी हैं, किन्तु प्रश्न यह है कि शुभ कार्य को टालने की हमारी प्रवृति वास्तव में कितनी नुकसानदायक है?
ज़हरीली सब्ज़ियों के सेवन को ही ले लीजिये. इस लिंक को क्लिक करके एक बार प्रमाणिक जानकारी ले लीजिये, कि प्रत्येक दिन आप जो खा रहे हैं, उनमें कितना ज़हर है. ऐसे में Vegetable Gardening शुरू करने जैसे शुभ कार्य को आप क्यों टाल रहे हैं?
खुद से कीजिये, नहीं तो किसी भी प्रोफेशनल की मदद लीजिये. जगह नहीं है, तो Vertical Towers में शुरू कीजिये.
किन्तु अवश्य शुरू कीजिये, और अभी शुरू कीजिये...
...और सिर्फ Gardening ही क्यों, जीवन में हर अच्छा कार्य, शुभ कार्य जो अभी कर सकते हैं, उसे बहानेबाजी करके अनावश्यक रूप से भला क्यों टालना?
कोई शंका है, तो पूछिए, थोड़ा समय निकालकर जाँचिये, किन्तु टालिए नहीं! संसार से विदा हो रहे, एक मरणासन्न, किन्तु महान विद्वान द्वारा वीर लक्ष्मण को दी गयी सीख याद रखने, और अपनाये जाने योग्य है...
शुभस्य शीघ्रम् - Shubhasya Shighram
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