Pesticides from neem tree in hindi |
ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming) किसी भी इंसान के हेल्थ के लिए सबसे बेस्ट (Best for health) होती है, और यह बात एक नहीं, बल्कि कई स्टडीज में साबित हो चुकी है.
परंतु आप इस बात को ध्यान दीजिए कि आखिर क्यों हमें केमिकल्स और दूसरे पेस्टिसाइड्स (Chemicals Pesticides) का प्रयोग करना पड़ता है?
और इसका सीधा जवाब यह है कि पौधों में रोग व्याधियों उत्पन्न हो ही जाती हैं, और ऐसी अवस्था में हमें कोई न कोई सलूशन चाहिए होता है, जिससे हम अपने पौधों को हेल्दी रख सकें, एवं बेहतरीन प्रोडक्शन ले सकें. अगर आप भी गार्डनिंग करते हैं, चाहे गांव में, चाहे शहरों में छत पर बालकनी में सब्जियां (Vegetable Gardening at Terrace/ Balcony) उगाते हैं. बेशक वह सब्जी आप के गमले में हो सकती है, वह सब्जियां आपके पीवीसी पाइप्स (Vegetable Gardening in PVC Pipes) में हो सकती हैं. ऐसी अवस्था में आप भी निश्चित रूप से इन चैलेंज इज को समझते होंगे!
ऐसे में अगर आप ऑर्गेनिक तरीके से अपने पौधों की हेल्थ दुरुस्त रखना चाहें, तो आपके पास क्या विकल्प हो सकते हैं, यह इस लेख में हम जानेंगे.
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1. रोग होने से पहले ही हो जायें अलर्ट
Prevention of Diseases in Vegetable Gardening
जैसा कि ऊपर बताया गया है पौधों में रोग होना आम बात है, और जब रोग हो जाता है, तो हमारे पास कोई विकल्प नहीं होता है, सिवाय इसके कि हम उस पर केमिकल्स का छिड़काव करें.
तो ऐसी अवस्था आये, उससे आप थोड़ा पहले ही अलर्ट हो जाइए. आप यहां से चलिए कि पौधों में रोग होता ही क्यों है? अगर आप शुरू से सावधानी रखेंगे, तो यकीन मानिए रोग होने की दर बेहद कम हो जाएगी. ऐसे में सब्जियों की जड़ों में अगर कोई रोग (Root Diseases in Vegetables) पकड़ता है, उसमें पहले से ही नीम की खली (Neem Khali in Soil) डालने से यह प्रॉब्लम काफी हद तक हल हो जाती है.
इसी प्रकार से रोग होने से पहले ही अगर आप ऑर्गेनिक पेस्टिसाइड्स (Organic Neem Pesticides) का छिड़काव करते रहते हैं, तो सब्जी के पौधों पर कीड़े लगते ही नहीं हैं. तात्पर्य यह है कि आप अगर पहले से सावधान रहते हैं, तो आपकी यह प्रॉब्लम सॉल्व हो जाती है. तो आप रोग होने का इंतजार ना करें, बल्कि रोग होने से पहले ही अपने वेजिटेबल गार्डनिंग के प्रति अलर्ट रहिए.
2. नीम क्यों है असाधारण?
Qualities of Neem Products in Scientific Languages
अब सवाल आता है कि हम नीम से कौन-कौन से पेस्टिसाइड्स बना सकते हैं, तो आप यह जान लीजिए कि नीम में कई प्रकार के कंपोनेंट पाए जाते हैं, जो आपके पौधों को ना केवल सुरक्षित रखते हैं, बल्कि वह एंटीफंगल एंटीपायरेटिक क्वालिटी से भी लैस होते हैं. साथ ही एंटीबैक्टीरियल, एंटीट्यूबरक्यूलर, एंटीप्रोटेजोल इत्यादि रोगों से आपके पौधों की पूरी सुरक्षा कर सकता है. अगर कुछ कंपोनेंट्स की बात करें, तो इनमें से कुछ एलेमेंट्स यहाँ लिस्टेड हैं, जो कि अंग्रेजी में हैं.
There are many active compounds in the neem tree. The most common are:
a) Azadirachtan :provides repellant, antifreedant properties.
b) Nimbin: anti inflammatory, anti fungal, anti pyretic properties
c) Nimbidin : anti bacterial, anti ulcer, analgesic and anti fungal properties
d) Nimbidol :anti tubercular, anti protozoan, anti pyretic properties
e) Salannin: repellant properties
f) Quercetin : anti protozoal, antioxidant, anti inflammatory and anti bacterial properties
Neem has been used as a botanical insecticide for many hundreds of years.
3. नीम का पेस्टिसाइड कैसे बनाएं?
How to prepare Neem Pesticides
यह तो रही नीम में मौजूद एलेमेंट्स की बात, किंतु अगर आप चाहते हैं कि Neem Pesticides बनाएं, तो सबसे बेहतरीन तरीका है नीम के पत्तों को इस्तेमाल में लाने का!
जी हां, नीम के पत्तों को इस्तेमाल में लाने के लिए आप सबसे पहले किसी भी नीम के हेल्दी ग्रीन पत्तों (Green Neem Leaves) को तोड़ लीजिए, और उसे ओखली में बारीक कूट लीजिए. बारीक कूटने के बाद आप उसे सादे पानी में भिगो सकते हैं, और उससे जो लिक्विड मिलता है, उसको आप डायल्यूट करके जिन सब्जी के पौधों पर कीड़े लगे हैं, या लगने की संभावना है, वहां महीने में एक या अधिकतम दो बार छिड़काव कर सकते हैं.
यकीन मानिए, इससे किसी भी प्रकार का फंगस और दूसरे रोगों के होने की संभावना 80 से 90% कम हो जाएगी. पत्तों को कम से कम 24 से 48 घंटे अवश्य भिगोयें, और ध्यान रखिए कि 1 लीटर नीम के लिक्विड सॉल्युबल में कम से कम 15 लीटर पानी अवश्य मिलाइए. यानी नीम पेस्टिसाइड के डायल्यूशन का 1:15 का रेशियो होना चाहिए.
4. नीम की फली से पेस्टिसाइड बनाने का प्रोसेस
How to make pesticides from Neem Fali
नीम की फली से भी बना सकते हैं पेस्टिसाइड्स.
जी हां, नीम की फली मार्च अप्रैल महीने में जब लगती है, तो किसी भी नीम के पौधे के नीचे से आप इसे कलेक्ट कर सकते हैं, और इसे किसी सूखी जगह पर स्टोर करके कभी भी इस्तेमाल में ला सकते हैं. इसे इस्तेमाल करने का एक तरीका यह है कि आप इसको ओखली में बारीक कूट के सादे पानी मिलाकर सलूशन तैयार कर लें.
किंतु और भी बेहतर तरीका जो कई गार्डनर सजेस्ट करते हैं, वह यह है कि गोमूत्र में आप इसे भिगो कर रख सकते हैं, फिर उससे जो लिक्विड निकलता है, उसको आप 1:15 रेशियो में डाइल्यूट करके पौधों के ऊपर छिड़काव कर सकते हैं, और अपने Vegetable Garden को कीट पतंगों और भिन्न रोगों से बचा सकते हैं.
वास्तव में देखा जाए तो नीम का पौधा किसी भी प्रकार के रोग व्याधियों के लिए एक बेहतरीन इलाज है, और आज से नहीं, बल्कि सदियों से इसे प्रयोग में लाया जाता रहा है. निश्चित रूप से इसका कोई विशेष खर्च भी नहीं होता है, और लगभग फ्री में आप इसे प्राप्त कर सकते हैं.
तो यह जानकारी कैसी लगी, कमेंट बॉक्स में अवश्य बताइए. साथ ही इसे आप अपनी फैमिली और दूसरे व्हाट्सएप ग्रुप्स में जरूर शेयर कीजिए, ताकि लोग बाग इससे लाभ प्राप्त कर सके.
Article By: Veg Roof Team
आप अपना किचन-गार्डन बनाएं, अपनी छत या बालकनी में, एवं घर की सब्जी घर में ही उगाएं.
PVC पाइप में आप एक पॉट की जगह में ही 10 से अधिक सब्जियों के पौधे से सब्जियां प्राप्त कर सकते हैं. देखें, वेज रूफ का YouTube चैनल.
Hindi Article Title: Vegetable Kitchen garden information
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